Sadhana Shahi

Add To collaction

सत्तू संक्रांति (पार्ट -3) 14-Apr-2024

सतुआन /सत्तू संक्रांति पार्ट -3

भोजपुरी संस्कृति का , काल बोधक त्योहार। सतुआन यह कहलाता , जान लो तुम सब यार।

भूमध्य रेखा से उत्तर दिश, जिस दिन सूर्य हैं जाते। सत्तू संक्रांति का पर्व, यू.पी.बिहारी, नेपाली मनाते।

सत्तू,गुड़ नमक और लोटा, इस दिन दान हैं करते। इसके पीछे मत है ऐसा, हर व्यवधान हैं कटते।

यह है एक खगोलीय घटना, जिसे मेष संक्रांति कहते। मीन राशि को तजकर सूरज, मेष राशि को धरते।

ले लो भैया आम टिकोरा, साथ में ले लो पुदीना। रगड़- रगड़कर पीसो चटनी, स्वाद भुलाओ कभी ना।

चटनी के संग घोलो सत्तू, आदित्य देव को उसे चढ़ाओ। प्रसाद स्वरूप फिर ग्रहण करो सब, सतुआन का पर्व मनाओ।

ग्रीष्म तपिश की सूचना देता, कहता, बचने का करो उपाय। निदाघ से जनमानस अकुलाए , तब सत्तू अमृत बन जाय।

अनुपम यह त्यौहार निराला, प्रकृति से है नाता जोड़े। आधुनिक पीढ़ी करे उपेक्षित, आधुनिकता में नाता तोड़े।

नाता तोड़ खरीदें व्याधियाॅं, रोग बलाएंँ आकर घेरें। भारतीयता की उड़ा के धज्जी, धोबी के कुत्ते बने बहुतेरे।

कुछ कुत्ते कुछ खच्चर बन गए, अपना रहा न बाकी कुछ भी। तीतर और बटेर सी हालत, बनाए अपना हम सचमुच ही।

आधुनिक,प्राचीन मध्यअटके, ना मिलता है कोई किनारा। बर्गर ,पिज्जा ठूॅंसके खाएँ, जो है आंँत ,हृदय हत्यारा।

14 ,15 अप्रैल दिन पावन, मनता है सतुआन त्योहार। यू,पी, बिहारी,और नेपाली, खाए सत्तू ,प्याज ,चटनी और अचार।

ग्रीष्म ऋतु का करें अभ्यर्थना, इस दिन रवि की राशि बदलती। सतुआन ,टटका बासी, बिसुआ,और कहें सत्तू संक्रांति।

खरमास का अंत है होता , शुभ दिन का होता शुरुआत। नए फल ,फसल का स्वागत होता, देसी फास्ट फूड सत्तू खाएंँ आज।

ईश्वर का आभार सब करते, और संग में करते नेवान। भगवान सूर्य की कृपा बरसती , है अद्भुत खगोल विज्ञान।

खलिहान, दुआर पर चैती गवाए, परिवेश खुशी से पूरा झूमे। खुशियों की है बहे पुरवाई, सब हैं इसको प्यार से चूमें।

   2
2 Comments

Mohammed urooj khan

17-Apr-2024 11:40 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

Reply

hema mohril

15-Apr-2024 08:24 PM

Amazing

Reply